खेत की तैयारी

खेत में माउल्ड़ बोर्ड हल का उपयोग करना चाहिए और पिछली फसल के बचे हुए भाग, खरपतवार, पत्थर एवं मिट्टी के ढ़ेलों को हटाने के लिए 3-4 बार कल्टीवेटर का उपयोग करते हुए जुताई का कार्य करना चाहिए। अंतिम बार जुताई करते समय मिट्टी में 75 किग्रा. नाइट्रोजन/हे. के समतुल्य जैविक (गोबर की खाद 15 टन/हे. अथवा पोल्ट्री की खाद 7.5 टन/हे. या वर्मीकम्पोस्ट 7.5 टन/हे.) खाद मिलानी चाहिए और जमीन को समतल करने के पष्चात् सही आकार की क्यारियां बनानी चाहिएं। आमतौर पर 1.5-2.0 मीटर चैड़ी एवं 4-6 मीटर लंबी सपाट क्यारियां बनाई जाती हैं। लेकिन, खरीफ अथवा वर्शाकाल के लिए सपाट क्यारियां न तैयार की जाएं ताकि इनमें जलभराव को रोका जा सके। इस मौसम के लिए 45 सेमी. खांचे वाली 15 सेमी. ऊंचाई तथा 120 सेमी. शीर्ष चौड़ाई वाली क्यारियां तैयार करनी चाहिए जो कि ड्रिप एवं स्प्रिंक्लर सिंचाई के लिए उपयुक्त होते हैं।