विकसित किस्में
प्याज की किस्में
भीमा लाइट रेड
•प्याज की यह किस्म कर्नाटक और तमिलनाडु में रबी मौसम के लिए अनुमोदित की गयी है।
•इस किस्म की परिपक्वता मध्यम है (115 दिन रोपाई बाद) तथा इसके कंद हल्के लाल रंग के तथा आकार गोल एवं कंद का वजन लगभग 70 ग्राम होता है।
•इस किस्म की गर्दन पतली होती है और कुल घुलनशील ठोस पदार्थ की मात्रा 13% है।
•सिफारिश क्षेत्र में बहुस्थानीय परीक्षणों में इसकी औसत उपज 385 क्विंटल/ हेक्टेयर है। भंडारण के चार महीनों बाद भी कुल वजन नुकसान 25% से कम है। •यह किस्म तोर एवं जोड वाले कंद से मुक्त है।
भीमा डार्क रेड
•पंजाब हरियाणा, दिल्ली, ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तिसगड, राजस्थान और गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक एवं तमिलनाडु र।ज्यो में खरीप मौसम के लिए उपयुक्त है।
•रोपाई के 100 से 110 दिनों बाद तैयार होती है। औसत उप्तादन 22 से 24 टन / हैक्टर है।
•भंडारण क्षमता एक माह तक होती है। थ्रिप्स एवं फफुंद रोगों के लिए कुछ ह्द तक सह्न्शील है ।
•गहरे लाल रंग की प्याज इसका विशेष गुण है।
भीमा राज
•गुजरात, महाराष्ट्र एवं कर्नाटक राज्यों मे खरीफ और पछेती खरीफ मे लगाने के लिए एवं हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात राज्यों मे रबी मौसम के लिए उपयुक्त है ।
•खरीफ मे रोपाई के १०० से १०५ दिनों बाद एवं पछेती खरीफ तथा रबी में ११५ से १२० दिनों बाद तैयार होती है ।
•औसत उत्पादन खरीफ में २४ से २६ टन/हेक्टर, पछेती खरीफ मे ४० से ४५ टन/हेक्टर एवं रबी में २५ से ३० टन/हेक्टर है ।
•अधिक समय तक भंडारित नहीं किया जा सकता है । थ्रिप्स एवं फफुंद रोगों के लिए कुछ ह्द तक सह्नशील है ।
भीमा रेड
•पंजाब हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक एवं तमिल्नाडु राज्यों में लगाने के लिए उपयुक्त है गुजरात महाराष्ट्र और कर्नाटक र।ज्यो में •पछेती ख्रीप एवं मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र में रबी के लिए उपयुक्त है ।
•खरीप में रोपाई के 105 से 110 दिनों बाद पछेती खरीप और रबी में 110 से 120 दिनों बाद तैयार होती है । औसत उत्पादन खरीफ में 19 से २६ टन/हेक्टर, •पछेती खरीफ मे ४० से ४५ टन/हेक्टर एवं रबी में २५ से ३० टन/हेक्टर है ।
•भंडारण क्षमता मैं एक माह तथा पछेती खरीप औररबी में 3 महिनों तक होती है ।
•थ्रिप्स के लिए कुछ ह्द त्क सहनशील है।
भीमा सुपर
•पंजाब हरियाणा, दिल्ली, ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तिसगड, राजस्थान और गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक एवं तमिलनाडु र।ज्यो में खरीप मौसम के लिए उपयुक्त है |
•गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक एवं तमिलनाडु र।ज्यो में पछेती खरीप के लिए उपयुक्त है ।
•खरीफ मे रोपाई के १०० से १०५ दिनों बाद और पछेती खरीफ में रोपाई के 110 से 120 दिनों बाद तैयार होती है ।
•औसत उत्पादन खरीफ में 20 से 22 टन/हेक्टर तथा पछेती खरीफ मे रोपाई 40 से 45 टन/हेक्टर है ।
भिमा किरन
•पंजाब हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र,आंध्रप्रदेश, और कर्नाटक में रबी मौसम के लिए उपयुक्त है ।
•रोपाई के 125 से 135 दिनों बाद तैयार होती है ।
•औसत उत्पादन खरीफ में 20 से 22 टन/हेक्टर है ।
•भंडारण क्षमता 5 से 6 महिनों तक होती है । फफुंद रोगों के लिए कुछ ह्द तक सहनशील है ।
भीमा शक्ति
•पंजाब हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तिसगड, राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र , आंध्रप्रदेश और कर्नाटक राज्यों मे रबी मौसम में लगाने के लिए एवं महाराष्ट्र गुजरात और कर्नाटक पछेती खरीप के लिए उपयुक्त है ।
•रोपाई के 125 से 135दिनों बाद तैयार होती है । औसत उत्पादन पछेती खरीफ में 35 से 40 टन/हेक्टर तथा रबी में 28 से 30 टन/हेक्टर है ।
•भंडारण क्षमता 5 से 6 महिनों तक होती है ।
•थ्रिप्स एवं फफुंद रोगों के लिए कुछ ह्द तक सह्न्शील है ।
भीमा श्वेता
•पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तिसगड, महाराष्ट्र , आंध्रप्रदेश एवं कर्नाटक र।ज्यो में रबी मौसम के लिए उपयुक्त है ।
•ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तिसगड गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक एवं तामिलनाडु र।ज्यो में खरीप मौसम के लिए उपयुक्त है ।
•रोपाई के 110 से 120 दिनों बाद तैयार होती है । औसत उत्पादन खरीफ में 18 से 20 टन/हेक्टर और रबी में 26 से 30 टन/हेक्टर है ।
•रबी मौसम मे भंडारण क्षमता 3 महिनों तक होती है ।
•प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त है ।
•थ्रिप्स के लिए कुछ ह्द तक सह्न्शील है ।.
भिमा शुभ्रा
•खरीफ के लिए यह भारत में सफेद प्याज की पहली किस्म है ।
•ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तिसगड, राजस्थान गुजरात महाराष्ट्र कर्नाटक एवं तमिलनाडु र।ज्यो में खरीप मौसम के लिए उपयुक्त है महाराष्ट्र पछेती खरीप के लिए उपयुक्त है ।
•खरीफ मे रोपाई के 110 से 115 दिनों बाद एवं पछेती खरीफ में रोपाई 120 से 130 दिनों बाद तैयार होती है ।
•औसत उत्पादन खरीफ में 18 से 20 टन/हेक्टर तथा पछेती खरीफ में 36 से 42 टन/हेक्टर है ।
•भंडारण क्षमता खरीप मे एक माह तथा पछेती खरीप मे 3 महिनों तक होती है ।
•अक्टूबर से मार्च के बीच यह प्रसंस्करण के लिए उपयुक्त है ।
•थ्रिप्स एवं फफुंद रोगों के लिए कुछ ह्द तक सह्न्शील है ।
लहसुन की किस्में
भीमा ओमकार
•हरियाणा, दिल्ली , राजस्थान और गुजरात र।ज्यो में रबी मौसम के लिए उपयुक्त है ।
•120 से 135 दिनों में तैयार होती है ।
•औसत उत्पादन 10 से 12 टन/हेक्टर है ।
•भंडारण क्षमता 6 से 8 महिनों तक होती है ।
•थ्रिप्स एवं फफुंद रोगों के लिए कुछ ह्द तक सह्नशील है ।
भीमा परपल
•पंजाब हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र , आंध्रप्रदेश एवं कर्नाटक र।ज्यो में रबी मौसम के लिए उपयुक्त है ।
•135 से 140 दिनों में तैयार होती है ।
•औसत उत्पादन 6 से 8 टन/हेक्टयर है ।
•भंडारण क्षमता 6 से 8 महिनों तक होती है ।