खेत की तैयारी

     

   समतल क्यारियां                                            चौड़ी उठी हुई क्यारियां

रोपाई से पहले खेत की ठीक से जुताई करनी चाहिए जिससे मिट्टी के ढेले खत्म हो जाएं। जैविक उर्वरक जो कि 75 कि.ग्रा./हे. नत्रजन के बराबर है (सड़ी हुई गोबर की खाद 15 ट./हे. या मुर्गी की खाद 7.5 ट./हे. या केंचुए की खाद 7.5 ट./हे.) अंतिम जुताई के समय ड़ालना चाहिए। ज्यादातर, 1.5-2.0 मी. चौड़ाई और 4-6 मी. लंबाई की समतल क्यारियां तैयार की जाती हैं (चित्र 2)। समतल क्यारियां नहीं बनानी चाहिए, ताकि खरीफ या बरसात के मौसम में जल के बहाव को रोका जा सके। खरीफ मौसम के दौरान खेतों में जल जमाव के कारण विनाशकारी एन्थ्राक्नोज रोग का प्रकोप होता है। 45 से.मी. चौड़ी नाली के साथ 15 से.मी. ऊंचाई और 120 से.मी. चौड़ाई की उठी हुई क्यारियां (बीबीएफ ) तैयार की जाती है (चित्र) जिससे उचित अंतर तथा संख्या घनत्व प्राप्त किया जा सके। यह तकनीक टपक और फव्वारा सिंचाई के लिए भी उपयुक्त है। चौड़ी उठी हुई क्यारियां खरीफ प्याज उत्पादन के लिए सबसे अच्छी पध्दति है क्योंकि अतिरिक्त जल नाली से बाहर निकाला जा सकता है (चित्र)। यह वायुसंचारण में सुधार लाने तथा काला धब्बा (एन्थ्राक्नोज) रोग के प्रकोप को कम करने में मदद करता है।