अंतर-वर्ती फसल
अंतर-वर्ती फसल निकटता में दो या दो से अधिक फसलें उगाने की विधि है। अंतर-वर्ती फसल का मुख्य लक्ष्य मुख्य फसल की उपज को प्रभावित किए बिना, संसाधनों का प्रभावी उपयोग कर उसी खेत में अधिक उपज पैदा करना है। प्याज की फसल के साथ गन्ने की युगल पंक्ति रोपण (नवम्बर-दिसम्बर रोपण) टपक सिंचाई प्रणाली में अंतर-वर्ती फसल के लिए अनुकूल है। गन्ना बोने के लिए मेड और लाइनें 90 सें.मी. की दूरी पर तैयार करनी पड़ती हैं। एक कली के साथ गन्ना सेट लाइनों के तल में 30 सें.मी. पर लगाए जाते हैं। गन्ने की हर दो पंक्तियों के बाद, 180 सें.मी. की समतल सतह प्याज की फसल बोने के लिए तैयार की जाती है। प्याज के पौध गन्ना रोपण के समय में लगाये जाने चाहिए। प्याज की फसल के लिए आवश्यक अतिरिक्त उर्वरक पोषक तत्वों को जरुरत के अनुसार डालना चाहिए। प्याज फसल की खुदाई रोपाई के 120 दिनों बाद कर सकते हैं। टपक सिंचाई के साथ गन्ना-प्याज अंतर-वर्ती फसल प्रणाली से 25-30% तक पानी की बचत होती है।