कटाई

  

 निकासी के बाद खेत में सूखाने की प्रक्रिया

प्याज की फसल 50 प्रतिशत गर्दन गिरने के बाद निकाली जानी चाहिए जो कि फसल परिपक्वता का संकेतक है। हालांकि, खरीफ के मौसम में 90-110 दिनों में कन्द परिपक्व हो जाते हैं, लेकिन पौधे सक्रिय विकास के चरण में ही रहते है और गर्दन गिरने के लक्षण नहीं दिखाई देते। ऐसे समय में रंगद्रव्य और प्याज के आकार को भी खरीफ मौसम के दौरान परिपक्वता के लिए सूचकांक के रूप में लिया जाता है। कन्द के संपूर्ण विकास के बाद, कटाई से दो-तीन दिन पहले गर्दन गिरावट को प्रेरित करने के लिए खाली ड्रम घुमाना चाहिए। कटे हुए कन्द को तीन दिनों के लिए खेतों में सूखने के लिए छोड़ देना जाना चाहिए, जिससे कन्द शुष्क हो जाते हैं। इससे उनकी जीवनावधि बढ़ जाती है (चित्र )। तीन दिनों के बाद 2.0-2.5 सें.मी. गर्दन को छोड़ सबसे ऊपर का भाग हटा देना चाहिए तथा उसके बाद 10-12 दिनों के लिए कन्दों को छाया में रखना चाहिए जिससे कि बेहतर भंडारण हो सके। समयपूर्व कटाई करने से कार्यिकीय भार क्षती, सड़न और अंकुरण के कारण सस्योत्तर नुकसान बढ़ता है।