भंडारण

 


प्याज की मांग पूरे वर्ष रहती है। अतः, प्याज कन्द का भंडारण पूरे वर्ष की आपूर्ति के लिए आवश्यक होता है। खरीफ और पछेती खरीफ प्याज की अपेक्षा रबी प्याज में बेहतर भंडारण क्षमता होती है। प्याज का भंडारण मौसम, किस्में, कन्द सुप्तावस्था, पोषक तत्व, सिंचाई प्रबंधन, कीट और रोग का प्रकोप और कटाई पूर्व व उपरांत प्रबंधन के तरीके और भंडारण परिस्थिति जैसे विभिन्न मानकों पर निर्भर करता है। आम तौर पर, हल्के लाल रंग की किस्में जैसे, एन-2-4-1, भीमा किरन, भीमा शक्ति, अर्का निकेतन और एग्रीफाऊंड लाइट रेड; गहरे लाल, सफेद और पीले रंग की किस्मों की तुलना में अधिक भंडारण क्षमता रखती हैं। पत्ते पीले रंग में बदलने तथा गर्दन पतली होने तक पौधों को खेतों में सुखाना चाहिए फिर पर्याप्त वायुसंचार के साथ छाया में सुखाया जाना चाहिए। छाया में सुखाने से कन्दों की सूरज की तीखी किरणों से रक्षा होती है, रंग में सुधार आता है और बाहरी सतह सूख जाती है। सूर्यप्रकाश को अत्यधिक अनावृत्त होने से प्याज की बाहरी सतह निकल जाती है, धूप से रंग खराब हो जाता है, और प्याज सिकुड़ते जाते है। मध्यम आकार (50-80 मि.मी.) के घाव मुक्त प्याज की भंडारण के लिए सिफारिश की गई है।

 बेहतर भंडारण के लिए प्याज को 40-50 कि.ग्रा. की जूट (टाट) की बोरियां, प्लास्टिक की जालीदार थैलीयां या प्लास्टिक और लकड़ी की टोकरीयों में रखने की जरूरत होती है। प्लास्टिक/नायलॉन थैलियों का घरेलू और साथ ही निर्यात उद्देश्य से अधिकांश किसान उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि यह अधिक किफायती, आकर्षक और आसानी से उपलब्ध होती हैं। प्याज को पैकिंग के बाद 5 फीट ऊंचाई तक भंडार गृह में रखना चाहिए ताकि निकालने में आसानी हो। भा.कृ.अनु.प.-प्या.ल.अनु.नि. ने प्याज कन्दों के भंडारण के लिए विभिन्न प्रकार के भंडार गृह विकसित किए हैं। सतह एवं बाजू से हवादार दो पंक्ति वाला भंडार गृह और कम लागत वाला सतह और बाजू से हवादार एकल पंक्ति भंडार गृह (चित्र ) की सिफारिश की गई है। अच्छे भंडारण के लिए भंडार गृहों का तापमान 30-35˚ सें. तथा सापेक्ष आर्द्रता 65-70 प्रतिशत होनी चाहिए।