फसलचक्र प्रणाली

स्थान, मृदा की प्रकृति तथा जलवायु परिस्थितियों के अनुसार लहसुन की खेती अंतर-फसलचक्र तथा आनुक्रमिक फसलचक्र प्रणाली सहित विभिन्न प्रकार की फसलचक्र प्रणालियों के लिए उपयुक्त है। उथली जड़ फसल होने के कारण लहसुन में मृदा में डाले गए सभी खनिज पोषक तत्वों का उपयोग नहीं हो पाता। अनुवर्ती मौसम में गहरी जड़ प्रणाली वाली फसलों को उगाकर बिना उपयोग किए गए इन खनिज पोषक तत्वों का प्रभावी तरीके से सदुपयोग किया जा सकता है। खरीफ में फली आधारित जैसे सोयाबीन फसलचक्र अनुक्रम एवं तदुपरांत रबी में लहसुन अथवा गर्मियों में मूंगफली और तत्पष्चात् रबी में लहसुन की खेती अपनाने से मृदा की उर्वरता में सुधार आता है और किसानों को कहीं ज्यादा वित्तीय लाभ मिलता है।